परिचय

भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था 2025 से 2035 तक एक बड़े बदलाव के दौर से गुजरने वाली है। बदलती जनसांख्यिकी, बढ़ते गैर-संचारी रोग (NCDs), तकनीकी प्रगति, और स्वास्थ्य नीतियों में सुधार – ये सभी कारक आने वाले वर्षों में पब्लिक हेल्थ प्रोफेशनल्स की मांग को तेजी से बढ़ाएँगे।

यदि आप भविष्य में प्रभावशाली, स्थायी और उच्च विकास वाली करियर भूमिका चाहते हैं, तो MPH (Master of Public Health) या पब्लिक हेल्थ में प्रोफेशनल शिक्षा चुनना सबसे रणनीतिक निर्णय हो सकता है। AIHMS इस दिशा में अग्रणी संस्थानों में से एक है — देखें:
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भारत में पब्लिक हेल्थ की मांग बढ़ने के प्रमुख कारण (2025–2035)

नीचे वे प्रमुख कारक दिए गए हैं जो भारत में पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स की आवश्यकता को तेजी से बढ़ाएँगे:

कारण विवरण और प्रभाव
जनसांख्यिकीय बदलाव भारत की आबादी धीरे-धीरे वृद्ध हो रही है। जीवन प्रत्याशा लगातार बढ़ रही है, जिससे गैर-संचारी रोगों का भार बढ़ रहा है।
हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भारत को 2025 तक लगभग 30 लाख और अस्पताल बेड की आवश्यकता होगी, साथ ही लाखों डॉक्टरों और नर्सों की भी कमी है। यह पब्लिक हेल्थ प्लानिंग और प्रबंधन भूमिकाओं की मांग बढ़ाता है।
हेल्थकेयर वर्कफोर्स की कमी 2030 तक भारत में 63 लाख से अधिक नए हेल्थकेयर जॉब्स जुड़ेंगे। इनमें बड़ी संख्या में पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञों की जरूरत होगी।
स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च में बढ़ोतरी 2025–26 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए लगभग ₹99,858 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। इससे पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम और नीतिगत भूमिकाएँ बढ़ेंगी।
AI और डिजिटल हेल्थ का विस्तार AI, टेलीमेडिसिन और डिजिटल रिकॉर्ड्स के विस्तार से डेटा-ड्रिवेन पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट्स की मांग बढ़ेगी।
NCDs में तेज वृद्धि मधुमेह, दिल की बीमारी, कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, जिन्हें पब्लिक हेल्थ इंटरवेंशन की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य असमानता (Health Equity) ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भारी स्वास्थ्य असमानता है, जिसे दूर करने के लिए पब्लिक हेल्थ लीडर्स की आवश्यकता है।

2025–2035 में पब्लिक हेल्थ वर्कफोर्स की अनुमानित मांग

नीचे भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र की अनुमानित वृद्धि और पब्लिक हेल्थ प्रोफेशनल्स की संभावित आवश्यकता का टेबल दिया गया है:

वर्ष अनुमानित कुल हेल्थकेयर वर्कफोर्स पब्लिक हेल्थ प्रोफेशनल्स (अनुमान) मुख्य भूमिकाएँ
2025 60 लाख+ 1–1.5 लाख प्रोग्राम मैनेजर, एपिडेमियोलॉजिस्ट, हेल्थ एडुकेटर
2028 75 लाख 2–2.5 लाख हेल्थ डेटा एनालिस्ट, सर्विलांस ऑफिसर
2030 90 लाख 3–3.5 लाख डिजिटल हेल्थ स्ट्रैटेजिस्ट, ग्लोबल हेल्थ स्पेशलिस्ट
2035 1.1–1.2 करोड़ 4.5 लाख+ पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर, रिसर्च व पॉलिसी एक्सपर्ट

क्यों Public Health (MPH) एक रणनीतिक और भविष्य-सुरक्षित करियर है?

3.1 बहुआयामी करियर अवसर

पब्लिक हेल्थ प्रोफेशनल्स सरकारी संस्थानों, NGO, स्वास्थ्य मंत्रालय, WHO, रिसर्च संस्थानों, और निजी स्वास्थ्य संगठनों में काम कर सकते हैं।

3.2 डिजिटल और AI आधारित हेल्थ सिस्टम की बढ़ती जरूरत

AI आधारित हेल्थ डेटा एनालिसिस, हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स, और डिजिटल हेल्थ प्रोग्राम्स के लिए प्रशिक्षित MPH प्रोफेशनल्स महत्वपूर्ण बन रहे हैं।

3.3 स्वास्थ्य नीति बनाने में बढ़ती भूमिका

जैसे-जैसे स्वास्थ्य नीति और स्वास्थ्य समानता (Health Equity) पर जोर बढ़ रहा है, MPH प्रोफेशनल्स नीति निर्धारण में प्रमुख योगदान दे रहे हैं।

3.4 फंडिंग व राष्ट्रीय कार्यक्रमों में अवसर

NCDs, महामारी तैयारी (pandemic preparedness), ग्रामीण स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भारी फंडिंग उपलब्ध है, जिसमें पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

3.5 नेतृत्व भूमिकाएँ

पब्लिक हेल्थ का दायरा अब रणनीतिक नेतृत्व भूमिकाओं तक पहुँच गया है, जैसे — स्वास्थ्य कार्यक्रम निदेशक, नीति सलाहकार, हेल्थ सिस्टम मैनेजर।


पब्लिक हेल्थ क्षेत्र के सामने मौजूद चुनौतियाँ

  1. शिक्षण संस्थानों की कमी

  2. रिटेंशन की समस्या — कई पेशेवर निजी व अंतरराष्ट्रीय अवसरों के कारण क्षेत्र छोड़ देते हैं।

  3. इंटरडिपार्टमेंटल तालमेल की कमी

  4. डेटा सिस्टम और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी

  5. अनिश्चित फंडिंग


पब्लिक हेल्थ शिक्षा में AIHMS की भूमिका

AIHMS (All India Institute for Health & Medical Sciences) भारत में पब्लिक हेल्थ लीडर्स तैयार करने वाले प्रमुख संस्थानों में एक है।
AIHMS का MPH / Public Health Program छात्रों को क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यों के लिए तैयार करता है।

👉 AIHMS वेबसाइट: https://www.aihms.in/
👉 MPH / Public Health Program: https://www.aihms.in/masters-in-public-health.html

AIHMS प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, रिसर्च, इंडस्ट्री-ओरिएंटेड कोर्स और आधुनिक हेल्थकेयर स्किल्स के साथ छात्रों को तैयार करता है।


हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें

6.1 पब्लिक हेल्थ शिक्षा का विस्तार

MPH सीटों की संख्या बढ़ाने और नए पब्लिक हेल्थ संस्थानों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

6.2 डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना

हेल्थ डेटा सिस्टम, EHR, और AI-आधारित हेल्थ टूल्स की उपलब्धता बढ़ानी होगी।

6.3 मानव संसाधन बनाए रखना

अच्छा वेतन, करियर ग्रोथ, और ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में प्रोत्साहन देना आवश्यक है।

6.4 क्रॉस-सेक्टर सहयोग

हेल्थ, एजुकेशन, पर्यावरण, शहरी विकास, और सामाजिक कल्याण विभागों के बीच मजबूत तालमेल ज़रूरी है।

6.5 सतत फंडिंग

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हेल्थ फंडिंग प्रोग्राम्स को बढ़ाना चाहिए।


निष्कर्ष

2025–2035 के बीच भारत में पब्लिक हेल्थ प्रोफेशनल्स की मांग बहुत तेजी से बढ़ने वाली है। यह मांग स्वास्थ्य नीति, डिजिटल हेल्थ, महामारी प्रबंधन, NCD नियंत्रण और स्वास्थ्य समानता जैसे क्षेत्रों से प्रेरित होगी।

जो छात्र या प्रोफेशनल भविष्य में एक स्थिर, प्रभावशाली और विकासशील करियर चाहते हैं — उनके लिए MPH / Public Health एक अत्यंत महत्वपूर्ण विकल्प है

भारत के अग्रणी संस्थानों में से एक AIHMS इस भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए आधुनिक, व्यावहारिक और इंडस्ट्री-ओरिएंटेड पब्लिक हेल्थ शिक्षा प्रदान करता है।
👉 AIHMS MPH Program — https://www.aihms.in/masters-in-public-health.html