हेल्थकेयर एक ऐसा व्यावसायिक क्षेत्र है, जहां भिन्न-भिन्न विशेष कुशल वर्ग की आवश्यकता होती है | भारत जैसा प्रगतिशील देश जहां 140 करोड की जनसंख्या है | स्वास्थ्य व्यवस्था का व्यापक प्रबंधन प्रशिक्षित लोगों की संचालित एवं अनुशासित कार्यप्रणाली पर निर्भर करती है, जो कि एक जटिल कार्य प्रणाली का हिस्सा है |
भारत में अधिकांश स्वास्थ्य सेवा निजी अनुसंधानो के अधीन है, जो कि मूल रूप से नकदी एवं बीमा पर निर्भर करती है | जहां अस्पताल प्रशासन (Hospital Administration) का एक वर्ग जिसमें डॉक्टर और नर्सों की व्यस्तता रोगियों के उपचार हेतु रहती है, वहीं दूसरा वर्ग अस्पताल प्रबंधन में कार्यरत रहता है, जिसकी एक श्रेणी हॉस्पिटल बिलिंग एवं हेल्थ इंश्योरेंस में आती है, जिसमें कॉमर्स से स्नातक की डिग्री किए हुए छात्रों की भरपूर मांग रहती है |
स्नातक में डिग्री किए हुए छात्र नाही सिर्फ कॉमर्स के विषयों को अच्छी तरीके से समझते हैं, बल्कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट (Hospital Management) के सभी विषयों और पहलुओं को आर्थिक प्रबंधन के दृष्टि से भी संचालित कर सकते हैं |
वित्तीय व्यवस्था किसी भी व्यापार का मुख्य केंद्र होती है, हॉस्पिटल मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर की डिग्री करने के बाद कॉमर्स के छात्र नाही एक कुशल वित्तीय प्रबंधक (Finance Manager) बल्कि बीमा (Insurance),अस्पताल में भुगतान (Hospital Billing), बीमा भुगतान प्रभारी (Claim Settlement Manager), आई.पी.डी. भुगतान प्रभारी (IPD Billing Incharge) की भी महत्वपूर्ण भूमिका में नौकरी प्राप्त कर अपने कैरियर में प्रगतिशील हो सकते हैं |
“एम.एच.ए. – मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन” (MHA – Master in Hospital Administration) में स्नातकोत्तर की डिग्री करने के बाद एक और जहां छात्रों को एक प्रतिष्ठित नौकरी के साथ अच्छा पैकेज मिलने की पूर्ण संभावना होती है, वहीं विदेश में भी उनके लिए भरपूर अवसर रहते हैं | जिससे वह अपने एक प्रगतिशील भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं |
ए.आई.एच.एम.एस. (AIHMS) एकमात्र ऐसा संस्थान है, जो कॉमर्स के छात्रों को हॉस्पिटल मैनेजमेंट या हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में कोर्स के दौरान ट्रेनिंग का भरपूर मौका देता है, बल्कि उन्हें अस्पताल के स्वेच्छा अनुसार छात्रवृत्ति के अवसर भी प्रदान करता है जिससे उन्हें व्यापक रूप से इस विषय को समझने का मौका मिलता है |